आज़ के article मैं हम पड़ने जा रहे है What is Verb (क्रिया)?, धातु और क्रिया का संबंध, क्रिया के भेद, साकर्मक क्रिया, साकर्मक क्रिया के पहचान, अकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया के पहचान।
What is Verb (क्रिया)?
काम के होने या करने का ज्ञान करने वाले ये शब्द क्रिया (verb) कहलाते है।
जिन शब्दों से किसी काम के होने या करने का पता चलता है, उन्हें क्रिया (verb) कहते है।
धातु और क्रिया का संबंध:
क्रियाओं के मूलरूप को धातु कहते है।
For example: लिख, जा, हंस, आ, पढ़, आदि।
धातुओं मैं ’ना’ प्रत्यय जोड़कर क्रिया का सामान्य रूप बनाया जाता है।
For example:
- हंस (धातु) + ना = हंसना (क्रिया)
- आ (धातु) + ना = आना (क्रिया)
- खेल (धातु) + ना = खेलना (क्रिया)
- दौड़ (धातु) + ना= दौड़ना (क्रिया)
- उड़ (धातु)+ ना= उड़ना (क्रिया)
- नाच (धातु)+ ना = नाचना (क्रिया)
- क्रिया के बिना वाक्य अधूरा रहता है। हम भी कह सकते है क्रिया के बिना हमारी बातें अधूरी रहती है।
- संज्ञा और सर्वनाम सब्दों के लिंग, वचन और कारक मैं परिवर्तन होने पर क्रिया का रूप भी बदल जाता है|
For example:
लिंग बदलने पर:
1. शामिक सतरंज खेल रहा है।
2. रिया शतरंज खेल रही है।
वचन बदलने पर:
1. रसोइया खाना बना रहा है।
2. रसोइए खाना बना रहे है।
कारक बदलने पर:
1. रिया ने सारे रंग बिखेर दिए।
2. रिया से सारे रंग बिखर गए।
क्रिया के भेद–
क्रिया के दो भेद होते है –
- साकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
1. साकर्मक क्रिया:
- राज दूध पी रहा है।
- घड़ी को वहां रख दो।
- राज ने गाना गया।
- राज ने खाना खाया।
- शामिक दूध पी रहा है।
वाक्यों मैं ‘ रख दो ‘ , ‘ पी रहा है ‘. और ‘ गया ‘ क्रियाओं के साथ क्रम से ‘घड़ी’, ‘दूध’ और ‘गाना’ कर्म लगे हैं। इनके वीना वाक्य का अर्थ स्पष्ट नहीं होता।
वाक्य मैं जब क्रिया कर्म के साथ आती है या कर्म के लोप होने का संकेत करते है तो वह सकर्मक क्रिया कहलाते है।
साकर्मक क्रिया के पहचान:
वाक्य की क्रिया के साथ “क्या” या “किसे” लगाकर प्रशन करने पर प्राप्त होने वाला उत्तर कर्म होता है, और वह क्रिया साकर्मक होते है।
For example-
1. राज कया पी रहा है? – पानी
2. वहां कया/किसको रख दो? – घड़ी
3. राज ने कया गया? – गाना
4. राज ने क्या खाया?– खाना
यहां पर घड़ी, पानी, गाना शब्द कया और किसे का उत्तर दे रहे हैं; ये शब्द कर्म हैं और इनके साथ लगे क्रियाएं साकर्मक क्रियाएं हैं।
कुछ अन्य साकर्मक क्रियाएं – लेना, देना, पढ़ना, खाना, पीना आदि साकर्मक क्रियाएं हैं।
2. अकर्मक क्रिया:
- राज नाच रहा है।
- शामिक दौड़ रही है।
- दादा जी चटाई पर बैठे है।
वाक्यों मैं “नाच रहा है”, “दौड़ रही है” और “बैठे है” क्रियाओं का कोई कर्म नहीं है।
अकर्मक (अ + कर्मक) का अर्थ है– जो कर्म के बिना हो। अर्थात् वाक्य मैं जिस क्रिया के साथ कोई कर्म नहीं होता तो उस क्रिया को अकर्मक क्रिया कहते हैं।
वाक्यों मैं “नाच रहा है”, “दौड़ रही है” और “बैठे है” क्रियाओं का कोई कर्म नहीं है।
अकर्मक (अ + कर्मक) का अर्थ है– जो कर्म के बिना हो। अर्थात् वाक्य मैं जिस क्रिया के साथ कोई कर्म नहीं होता तो उस क्रिया को अकर्मक क्रिया कहते हैं।
अकर्मक क्रिया के पहचान–
वाक्य की क्रिया के साथ “क्या” या “किसे” लगाकर प्रशन करने पर यदि उसका उत्तर प्राप्त नहीं होता है तो क्रिया अकर्मक क्रिया होती है; जैसे वाक्यों मैं –
1. राज क्या नाच रहा है?
2. रिया क्या दौड़ रही है?
3. दादा जी किसे बैठे हैं?
इन प्रशन का कोई उत्तर नहीं मिलता, अर्थात् इन वाक्यों मैं कोई कर्म नहीं है; इसलिए ये अकर्मक क्रियाएं हैं।
कुछ अन्य अकर्मक क्रियाएं – आना, तैरना, उड़ना, जाना, खाना, गाना, हंसना, बैठना, उठना, चलना आदि अकर्मक क्रियाएं हैं।
Impotrant point:
- है, हैं, था, थे आदि भी क्रियाएं हैं; क्योंकि ये क्रिया का “होना” बताते हैं; for example- रिया डॉक्टर है। तुम बीमार थे ।
- कुछ वाक्यों मैं दो क्रियाएं भी पाई जाती हैं; for example- वह पढ़कर सो गया।
- कुछ वाक्यों मैं दो कर्म भी होते हैं; for example- पापा ने मुझे उपहार दिया।
- जिन क्रियाओं के दो कर्म होते हैं, उनमें ‘कया’ और ‘किसे’ लगाने पर दो अलग–अलग उत्तर प्राप्त होते है; For Example – पापा ने मुझे क्या दिया? – उपहार।
पापा ने किसे उपहार दिया?– मुझे ।
आज हमने क्या क्या सीखा?–
1. जिस शब्द से किसी काम का करना या होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं।
2. क्रिया के मूलरूप को धातु कहते है।
3. संज्ञा और सर्वनाम को लिंग और वचन के अनुसार क्रियाएं बदलती हैं।
4. क्रिया के दो भेद होते हैं– 1. साकर्मक क्रिया। 2. अकर्मक क्रिया।
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