प्रकृति पर निबंध | Essay on Nature in Hindi | प्रकृति पर 10 लाइन | 10 Line About Nature in Hindi With PDF

प्रकृति पर निबंध | Essay on Nature in Hindi: हमारा आज का विषय है प्रकृति पर निबंध (Essay on Nature in Hindi) और प्रकृति पर 10 लाइन (10 Line About Nature in Hindi) साथ में PDF।

प्रकृति पर निबंध | Essay on Nature in Hindi:

प्रकृति पर लघु निबंध | Short Essay on Nature in Hindi:

प्रकृति हमारी माता है जो हमें जीवन प्रदान करती है। यह हमारे आसपास की सबसे अनमोल संपदा है जो हमें शुद्ध जल, स्वच्छ हवा और फल-फूल बगीचों की प्रदान करती है। प्रकृति हमारे शारीर, मन और आत्मा को भी पुनर्जीवित करती है।

प्रकृति की देखभाल हमारी जिम्मेदारी है। हमें संतुलित वन्य और जैव विविधता की रक्षा करनी चाहिए, जल संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए, और हवा प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास करना चाहिए। हमें वन्य जीवों की संरक्षा करनी चाहिए, पर्यावरणीय तंत्र की सुरक्षा करनी चाहिए, और प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग करना चाहिए।

हमें प्रकृति का सम्मान करते हुए उसकी देखभाल करनी चाहिए, सफाई और सुरक्षा को महत्व देनी चाहिए ताकि हमारे आने वाली पीढ़ियों को भी स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण मिल सके।

प्रकृति पर लंबा निबंध | Long Essay on Nature in Hindi:

प्रस्तावना:

हमारे चरों तरफ जो देखते हैं वह हमारी प्रकृति है। प्रकृति हमारी सबसे अच्छी मित्र है जो हमें पीने के लिए पानी, खाने के लिए भोजन, सांस लेने के लिए शुद्ध हवा, जिन्दा रहने के लिए लिए सभी संसाधन प्रदान कराती है।

प्रकृति क्या है?

इसके सन्दर्भ में अगर प्रकृति को आसान भाषा में वर्णित करना है तो प्रकृति प्रथ्वी पर विधमान सभी सजीव और निर्जीव घटकों का मेल है, यह इश्वर के द्वारा प्रदत्त असीमित रंगो से भरपूर है। हम प्रकृति के प्रेम को अपने चारों तरफ विधमान सुन्दर एवं मनोहर नदी, पहाड़, हरे भरे पेड़-पौधे, खूबसूरत जानवर, पक्षी के रूप में देख सकते हैं।प्रकृति हमारे जीबन के सभी जरूरत के संसाधनों की पूर्ति करती है। पूरे विश्व में 3 अक्टूबर को प्रकृति दिवस मनाया जाता है, जबकि विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है जिसका उद्देश्य न सिर्फ पर्यावरण बल्कि जीव जंतुओं की भी रक्षा करना है।

प्राचीन समय में मनुष्य पूर्णतः प्रकृति पर ही निर्भर था, हमेशा प्रकृति की पूजा करता आया है, सभी जरूरत के संसाधन प्रकृति से ही प्राप्त होते थे। परन्तु वर्तमान समय में मनुष्य प्रकृति के प्रति निर्दयी बन चुका है। आज के विज्ञान एवं तकनीकी विकास के चलते और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचा रहा है।

प्रकृति का सरंक्षण:

प्रकृति के हमारे जीवन में महत्व को देखते हुए आज इसके संरक्षण की अत्यंत आवश्यकता है, और इसे बचाना हर एक मनुष्य का कर्तव्य है। मनुष्य को कभी भी निजी स्वार्थ के लिए प्रकृति को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिये। निरंतर जंगलों की कटाई, पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है। प्रकृति के संतुलन के लिए लगभग 33 प्रतिशत भाग पर वन होने चाहिए, जबकि आज सिर्फ 18-19 प्रतिशत भाग पर ही वन है।

प्रकृति का वर्तमान में आवश्यकता:

मनुष्य जीवन प्रकृति पर पूर्णतः आश्रित हैं, इसलिए प्रकृति के बिना मानव जीवन की परिकल्पना करना भी असंभव है, इसलिए आज हमें प्रकृति को बचाना है। ग्लेशियर के पिघलनेके कारण समुद्र के पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है,जिससे बाढ़ आ रही है। पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंगआदि को कम या कंट्रोल करने के लिए पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता है। पेड़ की व्यापक स्तर पर अंधाधुंध कटाई भी एक प्रमुख कारण है। विश्व में खनिज संशाधन सीमित हैं, परन्तु उनका वितरण असमान मिलता है। अतः उनके संचित भंडार के संरक्षण की अधिक आवश्यकता है।

प्रकृति पर 10 पंक्तियां | 10 Line About Nature in Hindi:

  1. हमारे सभी तरफ विधमान पर्यावरण को ही प्रकृति कहते हैं।
  2. प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके मनुष्य ने अपनl जीवन को विकसित किया है।
  3. प्रकृति के बिना मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं, अतः प्रकृति ही जीवन का आधार है।
  4. CO2 और मीथेन गैस का उत्सर्जन बढ़ने के कारण  हरित प्रभाव की समस्या पैदा हो गई है। इसलिए हमें अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करना चाहिए।
  5. प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग करना चाहिये।
  6. विधालयों के पाठ्यक्रम में इसके महत्व को उचित प्रकार से शामिल करके, एवं पर्यावरण दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन कर समाज को जागरूक बनाया जाना चाहिये।
  7. विज्ञान के क्षेत्र में ऐसी तकनीक का आबिष्कार होने चाहिए जो पर्यावरण के अनुकूल हो।
  8. जीवों की हत्या पर रोक लगनी चाहिए, ताकि पारिस्थितिक संतुलन बना रहे।
  9. चूँकि प्रकृति में उपलब्ध सभी संसाधन सीमित है, अतः मनुष्य को इन्हें संरक्षित करते हुए उपयोग में लेना चाहिए।
  10. वर्तमान में वायु प्रदुषण प्रकृति की क्षति में एक अहम् समस्या है, अतः हमें कार्बनिक पदार्थों का दोहन कम करना चाहिये।
  11. प्रकृति हमें स्वच्छ वायु के स्वस्थ जीवन देती है।

निष्कर्ष:

अतः प्रकृति के महत्व को संज्ञान में लेते हुए अब वक़्त आ गया है कि मनुष्य प्रकृति के महत्व को समझे और उसके संरक्षण में खुद की जिम्मेदारी को समझे, ताकि भविष्य में जीवन का अस्तित्व बना रहे। इस क्षेत्र में सरकार को भी कुछ उचित कदम उठाने की आवश्यकता है और नए नियम लाकर समाज को इसके प्रति जागरूक करना चाहिए। ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिये जो प्रकृति के अनुकूल हो

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